देश की 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश के लिंग अनुपात में सुधार हुआ है और यह वर्ष 2001 के 933 से बढ़कर 2011 में 940 हो गया है। तथापि बाल लिंगानुपात अभी भी अधिक बना हुआ है। वर्ष 2001 में 6 वर्ष तक आयु के बच्चों में बाल लिंगानुपात 927 था, जो 2011 में 914 हो गया है। संतोषजनक बात यह है कि हरियाणा में सामूहिक लिंगानुपात में सुधार आया है और यह 2011 के 861 से बढ़कर 2011 में 877 हो गया है। इसके साथ ही राज्य में इसी अवधि के दौरान बाल लिंगानुपात की स्थिति में सुधार हुआ है और यह इस अवधि में 819 से बढ़कर 830 हो गया है। महिला तथा बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज लोक सभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने स्त्री भ्रूण हत्या रोकने और लिंगानुपात में सुधार के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति पर काम शुरू किया है, जिनमें विधिक कार्यवाइयां, सलाह, जागरूकता विकास और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के कार्यक्रम शामिल हैं। मंत्री महोदया ने आगे कहा कि विधिक कार्रवाइयों में गर्भाधान पूर्व तथा पूर्व नैदानिक तकनीक (लिंग चयन निषेध) अधिनियम, 1994 शामिल है, जिसके अंतर्गत लिंग चयन आधारित गर्भपात दंडनीय है।
ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता का दायरा तेजी से बढ़ा ....
ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता का दायरा जुलाई 2011 में 73 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है जो 2001 की जनगणना के अनुसार केवल 21.9 प्रतिशत था। इस समय देश के 607 ग्रामीण जिलों में सरकार द्वारा चलाये जा रहे पूर्ण स्वच्छता अभियान का उद्देश्य खुले में मल त्याग करने की आदत को समाप्त करना और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना है।